विश्व प्रसिद्ध बगवाल देवीधुरा 7 मिनट चली बगवाल में 120 बगवाली वीर हुए घायल । प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी भी बगवाल के साक्षी।
देश विदेश से हजारों की संख्या में बगवाल देखने पहुंचे लोग।
चंपावत,के मां बाराही धाम देवीधुरा में विश्व प्रसिद्ध भगवान का आयोजन रक्षाबंधन पर्व के दिन धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी भी इस बगवाल के साक्षी बने। मां बाराही धाम देवीधुरा के खोलीखाण दुवाचौड़ मैदान में 15 मिनट तक चली विश्व प्रसिद्ध बगवाल में 120 रण बाकुरे घायल हुए।
2:14 मिनट पर मंदिर के प्रधान पुजारी द्वारा शंख नाद के साथ बगवाल का शुभारंभ किया गया। जिसके बाद 7 मिनट तक चली बगवाल में 120 बगवाली वीर व दर्शक घायल हुए। मान्यता है की 4 ख़ामो के बीच होने वाले इस बग्वाल में पूर्व में रणबांकुरे माँ बाराही मंदिर प्रांगड़ खोलिखान दुबाचौड़ में पत्थर मार के युद्ध करते थे , आज भी हर साल रक्षाबंधन के दिन माँ बाराही के इस प्रांगण में चारो ख़ाम के रणबांकुरे बग्वाल कोफलों और फूलों से खेलते है। ऐसा माना जाता है बग्वाल के दौरान खेल रहे रणबाकुरों के शरीर मे लगी चोट को ही वह प्रसाद के रूप में लेते है। 4 ख़ामो के बीच पत्थरो से चलने वाले इस पाषाण युद्ध को 2013 में कोर्ट के आदेशों के बाद ही फलो और फूलों से खेला जाने लगा । बग्वाल में हिस्सा लेने वाले रणबाकुरों का मानना है कि भले ही इस युद्ध को फलों और फूलों से खेला जाता हो लेकिन हवा में यह फल फूल पत्थरो में तब्दील हो जाते है। इस बग्वाल युद्ध के दौरान लगने वाली चोट उन्हें फल स्वरूप प्रदान होती है। मान्यता है की घायलों को बिच्छू घास लगाने से पूरा दर्द गायब हो जाता है। साथ ही मान्यता है कि जिस भी भक्त को बगवाल के दौरान चोट लगती है वह उसके लिए शुभ माना जाता है और उसके सभी बिगड़े हुए कार्य सफल हो जाते हैं ऐसी मान्यता है।
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