देहरादून: उत्तराखंड पर अब तक के सबसे बड़े साइबर ‘हमले’ (फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड) की बात सामने आ रही है। उत्तराखंड एसटीएफ ने ऐसे दो संदिग्ध चीनी नागरिकों (एक युवक व युवती) को गिरफ्तार किया हो, जो साइबर फ्रॉड को अंजाम देने के लिए 500 सिमकार्ड (फर्जी तरीके से हासिल किए गए) चीन, हांगकांग व वियतनाम भेज चुके थे। गिरफ्तारी के दौरान ही इनसे 82 सिम कार्ड बरामद किए गए। पकड़े गए आरोपियों की ओर से मुहैया कराए जा रहे सिम के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठग उत्तराखंड समेत देशभर के युवाओं और अन्य नागरिकों को टारगेट कर रहे थे। यूट्यूब पर वीडियो को लाइक व सब्स्क्राइव करके पैसे कमाने का लालच देकर साइबर अपराधी करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे थे। इसे प्रदेश पर अब तक का सबसे बड़ा साइबर हमला माना जा रहा है। हालंकि, इस अपराध की एक अहम कड़ी एसटीएफ ने ब्रेक कर दी है, लेकिन यह कह पाना मुश्किल है कि विदेश भेजे गए सिमकार्ड से ठगों का नेटवर्क राज्य व देश में कहां तक पसर चुका है।
एसटीएफ की गिरफ्त में संदिग्ध चीनी नागरीक और इनके साइबर अपराध की कुंडली बांचते एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल, साथ में अन्य अधिकारी।
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के मुताबिक साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें अज्ञात व्यक्ति द्वारा मो.नं. +1(272)2870041 व +91-9993595763 से शिकायतकर्ता के मो.न. पर मैसेज भेजा। जिसमें संबंधित व्यक्ति ने स्वंय को Rankon Technologies (India) से बताया, कहा कि उन्हें टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा जाएगा। जिसमें प्राप्त होने वाले यू-ट्युब और इंस्टाग्राम के वीडियो लिंक पर फॉलो व सबस्क्राइव करने आदि संबंधी टास्क के माध्यम से वह लाभ कमा सकते हैं। ठगों के झांसे में आ जाने के बाद शिकायतकर्ता से भिन्न-भिन्न तिथियों में भिन्न-भिन्न खातो में कुल 22,89,260 रुपये ऑनलाइन प्राप्त कर धोखाधड़ी कर ली गई। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए थाना साइबर क्राईम पर मु.अ.स. 15/2023 धारा 420,120बी भादवि व 66 डी आईटी एक्ट पंजीकृत किया गया, जिसकी विवेचना प्रभारी निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला की और से शुरू की गई। एसटीएफ टीम ने उन बैंक खातों का विवरण खंगाला, जिनमें धनराशि ट्रांसफर करवाई गई थी। हालांकि, ये खाते फर्जी आईडी पर खोले गए थे। फिर भी पुलिस ने किसी तरह जानकारी एकत्रित की और ठगी में प्रयुक्त मोबाइल नंबरों से भी लोकेशन निकाली।एसटीएफ की जांच में यह बात सामने आई कि साइबर ठग नामी-गिरामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर आम जनता से व्हाट्सएप/ ई-मेल / दूरभाष व अन्य सोशल साईटों के माध्यम से संपर्क कर स्वयं को उन कंपनियों का एचआर/ कर्मचारी बताकर झांसे में ले रहे हैं। युवाओं को ऑनलाईन टास्क देकर रुपये कमाने का प्रलोभन या ऑनलाइन जॉब ऑफर कर उन्हें लाइक व सब्स्क्राइव करने का टास्क दे रहे हैं। ग्रुप में एंट्री करते ही खाते में 100, 200 या इसी तरह की छोटी रकम भेज दी जाती है। जब कोई व्यक्ति झांसे में आ जाता है तो उससे निवेश कर अच्छे रिटर्न का प्रलोभन देकर मोटी धनराशि प्राप्त कर ली जाती है। इसके बाद संबंधित व्यक्ति को ग्रुप से हटाकर या ग्रुप ही बंद कर रकम हड़प ली जाती है। इस पूरी प्रक्रिया में भारत में बैठे ऐसे विदेशी मूल के नागरिकों द्वारा भारत से बाहर फर्जी सिम कार्ड भेजे जाते हैं. जिनसे पूरे देशभर में साईबर ठगी की जा रही है। साइबर थाना देहरादून द्वारा जल्द ही इनका विश्लेषण कर तमाम अन्य एजेंसियों के साथ जानकारी साझा की जाएगी।
prabhatchingari
I am a passionate editor who loves to cover each and every news and present it forward .
For Promotion Related Queries Contact :- 9897399127
