देहरादून: कुछ महीने पहले उत्तराखंड के मंदिरों में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया।
श्रद्धालुओं से कहा गया कि वो शालीन वेशभूषा में ही दर्शनों को आएं, अब मंदिरों के लिए लागू ये नियम दफ्तरों में भी लागू किया जा रहा है। पॉवर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) प्रबंधन ने इसकी शुरुआत की है। पिटकुल ने कर्मचारियों के ऑफिस में जींस-टीशर्ट, स्पोर्ट्स शूज पहनकर आने पर रोक लगा दी है। सभी को ड्रेस कोड के हिसाब से दफ्तर आने के लिए कहा गया है। पिटकुल के महाप्रबंधक मानव संसाधन अशोक कुमार जुयाल की ओर से सभी अधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किए गए।
आदेश में में कहा गया कि कई अधिकारी जींस, टीशर्ट व स्पोर्ट्स शूज पहनकर कार्यालय आ रहे हैं। शासन व अन्य स्तर पर होने वाली बैठकों में भी वह इन्हीं परिधानों में शामिल हो रहे हैं, जो कि स्वस्थ कार्य संस्कृति का परिचायक नहीं है। इससे निगम की छवि धूमिल होती है। अब पिटकुल ने पुरुष और महिला कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया है। पुरुष अफसरों से कहा गया है कि वो पैंट-शर्ट व चमड़े के जूते पहनकर दफ्तर आएं, जबकि महिला अधिकारी व कर्मचारी को सूट या साड़ी आदि परिधान पहनकर दफ्तर आने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों से कहा गया है कि वो दफ्तर से बाहर शासन या अन्य स्तर पर होने वाली बैठकों में भी इसी ड्रेस कोड में शामिल हों। कुल मिलाकर पिटकुल ने दफ्तर में जींस-टीशर्ट और स्पोर्ट्स शूज पहनकर आने पर बैन लगा दिया है। आने वाले दिनों में उत्तराखंड के दूसरे दफ्तरों में भी इसी तरह का ड्रेस कोड रूल देखने को मिल सकता है।
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