हेड कांस्टेबल शूरवीर तोमर की तत्परता से बची जान
लक्सर। देर रात्रि कोतवाली लक्सर पर 112 से सूचना मिली कि सुल्तानपुर क्षेत्र में 02 भाईयों में लडाई झगडा हो गया है, सूचना पर लक्सर पुलिस द्वारा सुरक्षा/शान्ति व्यवस्था के दृष्टीगत पवन पुत्र जगदीश निवासी झिवरहेडी, लक्सर जनपद हरिद्वार को थाने पर लाया गया था जो शराब के नशे में था।
थाने पर पवन उपरोक्त को मुख्य आरक्षी शूरवीर तोमर की निगरानी में महिला हेल्प डेस्क के सामने कुर्सी पर बैठाया गया था। निगरानी में नियुक्त मुख्य आरक्षी शूरवीर तोमर उक्त व्यक्ति के लिये मैस में खाना लेने गया, जब वापस आया तो देखा कि पवन उपरोक्त ने अपने अण्डर वियर की इलास्टिक निकालकर जाली पर बांधकर अपने पैर फोल्ड करके गले मे फंदा लगा लिया है। इलास्टिक के दबाव में गर्दन के खिंच जाने पर इसकी आंखें भी चढ़ गई।
: पवन उपरोक्त को जाली / फंदे पर लगभग मूर्छित अवस्था में लटका देखकर मुख्य आरक्षी ने संयम व सूझबूझ से काम लेते हुए तुरंत पवन उपरोक्त के गले का फंदा तोड़कर नीचे उतारा और तत्काल प्रभारी निरीक्षक लक्सर को अवगत कराया गया जिन्होंने अन्य उच्चाधिकारीगण को घटना की जानकारी दी।
बेहद संवेदनशील प्रकरण पर कुछ ही सेकंड्स में थाने पर मौजूद फोर्स द्वारा पवन उपरोक्त को तुरंत पहले लक्सर चिकित्सालय तत्पश्चात सरकारी अस्पताल रुड़की ले जाया गया। सरकारी अस्पताल रुड़की में डॉक्टर की टीम द्वारा मूर्छित पवन को होश में लाने के लिए इंजेक्शन लगाने के साथ-साथ ऑक्सीजन भी लगाई परंतु पवन की बॉडी द्वारा कोई रेस्पांस ना देने पर मामले को एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर कर दिया।
एम्स ऋषिकेश में डॉक्टर की टीम द्वारा पवन को होश में लाने का पूरा प्रयास किया गया। डॉक्टर के लगातार प्रयास के फलस्वरूप लगभग 24 घंटे बाद पवन के शरीर में हरकत हुई और धीरे-धीरे पवन मूर्छा की अवस्था से बाहर आया।
इस मामले में जहां एक तरफ अपने सर्किल में सक्रिय रहने वाले ASP/CO लक्सर मनोज कुमार द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश एवं जानकारी लेते हुए उच्चाधिकारी को अपडेट कर रहे थे तो वहीं प्रभारी निरीक्षक लक्सर द्वारा भी अपनी व्यावसायिक दक्षता का परिचय देने के साथ-साथ एम्स ऋषिकेश होश में आने तक पूरे समय पवन के साथ रहे। डॉक्टर द्वारा चेकअप करने के बाद पवन को डिस्चार्ज कर परिजनों के सुपुर्द किया गया।
प्रभावित हो सकती थी कानून व्यवस्था
मामला भले ही आपसी झगड़े का हो परंतु पुलिस कस्टडी में पवन की इस प्रकार अचानक से तबीयत खराब हो जाना संवेदनशील प्रकरण था। जिसमें मुख्य आरक्षी शूरवीर तोमर ने अपने कर्तव्य बोध के चलते जहां एक गरीब परिवार के मुखिया की जान बचाई तो वहीं स्थिति भांपकर सूझबूझ का परिचय देते हुए, बिना घबराए त्वरित कार्रवाई करने के साथ-साथ अपने सीनियर्स को भी अवगत कराया। यदि पवन उपरोक्त के साथ कोई अनहोनी कोतवाली परिसर में होती तो शांति एवं कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती थी।
एसएसपी हरिद्वार ने हेड कांस्टेबल की प्रशंसा, फाइल को भेजेंगे आगे
हमेशा अपने अधीनस्थों के बारे में बेहतर सोच रखने वाले एसएसपी हरिद्वार श्री प्रमेन्द्र डोबाल द्वारा इस बारे में एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह से जानकारी कर पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है साथ ही हेड कांस्टेबल की तत्परता व सूझबूझ की प्रशंसा करते हुए इस पूरी कार्रवाई, जिससे एक व्यक्ति की जिंदगी बची, के संदर्भ में फाइल को प्रधानमंत्री जीवन रक्षक पदक हेतु आगे भेजने की बात कही है।