चमोली ललिता प्रसाद लखेड़ा हेमवती नंदन बहुगुणा विश्व विद्यालय के पर्यावरणीय विज्ञान विभाग द्वारा ए. पी. एन, जापान द्वारा वित्त पोषित शोध परियोजना “हिन्दूकुश हिमालयी क्षेत्र में परम्परागत व संचार अवधारणा ” के अन्तर्गत राजकीय इंटर कालेज नैणी में एक दिवसीय कार्यशाला एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यशाला में 200 से अधिक स्थानीय निवासियों, जनप्रतिनिधियों, पर्यावरणविदों, एनजीओ प्रतिनिधियों, मीडिया बन्धुओं, अध्यापकों, एनसीसी कैडेट्स व छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला में हिमालय में जलवायु परिवर्तन के प्रति परंपरागत ज्ञान आधारित अनुकूलन पद्धतियों पर विभागाध्यक्ष व शोध समन्वयक प्रोफेसर आर. के. मैखुरी ने अपने शोध अनुभवों के अध्ययन को अपनी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से क्षेत्रीय जनता को अवगत कराया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ प्रकाश फोंदणी, असिस्टेंट प्रो. बाॅटनी डिपार्मेंट राजकीय महाविद्यालय अगस्तमुनी ऐपी बहुगुणा ने ग्लोबल स्तर पर क्लाइमेट चेंज का औषधीय पादपो पर प्रभाव और उसे समुदाय आधारित पारंपरिक ज्ञान के द्वारा कम करने पर अपने अध्ययन को शोध प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती चंद्रेश्वरी रावत ब्लॉक प्रमुख कर्णप्रयाग, श्रीमती सरोजनी देवी महिला मंगल दल अध्यक्ष, ग्राम प्रधान श्रीमती ज्योति कैलखुरा, अध्यक्ष शिक्षक अभाव संघ सुभाष नौटियाल, जिला पंचायत सदस्य विनोद कुमार नेगी, प्रसिद्ध पर्यावरण विद मंगला प्रसाद कोठियाल, सत्येंद्र भंडारी, शंकर सिंह बिष्ट, मनोज सती आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के सूत्रधार के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता भुवन नौटियाल जी को कई सामाजिक कार्यों में योगदान देने के लिऐ गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर द्वारा इस मौके पर सम्मानित किया गया। राइका नैणी के प्रधानाचार्य गिरीश चंद्र डिमरी व पर्यावरण विज्ञान विभाग से हरेंद्र रावत व गिरीश नौटियाल ने कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।