सबरीमाला केरल/देहरादून ,विश्व प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर को मलयालम महीने ‘वृचिकम’ के पहले दिन 17 नवम्बर से शुरू होने वाले दो महीने लंबे मंडलम- मकरविलक्कू वार्षिक उत्सव के लिए खोल दिया गया है। पहाड़ी मंदिर का श्रीकोविल (गर्भगृह) गुरूवार शाम 1700 बजे ‘थंत्री’ महेश मोहनारू (मुख्य पुजारी) द्वारा खोला गया था। चल रही प्रथा के तहत हालाँकि, कल शाम श्रीकोविल में कोई अनुष्ठान नहीं किया गया था। ती महेश मोहनारू ने निचले तिरुमुट्टम में पवित्र अग्नि स्थान (आझी) में अग्नि प्रज्जवलित की। बाद में, भगवान अयप्पा मंदिर के नए मेलसंथी के रूप में पीएन महेश की स्थापना की गई। थंत्री महेश मोहनारू ने श्रीकोविल के सामने नए मेलसंथी पर ‘कलशअभिषेकम’ आयोजित करके स्थापना समारोह आयोजित किया। बाद में थंत्री ने नए मेलसंथी के कान में भगवान अयप्पा का मूलमाम’ फूंका।
नई मेलसंथी ने मलयालम महीने ‘वृचिकोम’ के पहले दिन शुक्रवार सुबह एक साल के कार्यकाल के लिए कार्यभार संभाला। मलिकप्पुरम देवी मंदिर के नए मेलसंथ, पीजी मुरली की स्थापना समारोह भी कल शाम मुख्य पुजारी द्वारा किया गया था। थंत्री द्वारा शुक्रवार सुबह अष्ट द्रव्य महा गणपति होम करके मंदिर के अनुष्ठान शुरू किए गए। अष्टाभिषेकम के बाद नेय्याभिषेकम शुरू हुआ। इस वर्ष का मंडला पूजा उत्सव 27 दिसम्बर, 2023 को पूरा होगा। बाद में, मंदिर मकरविलक्कू उत्सव के लिए 30 दिसम्बर, 2023 को खुलेगा। आगामी 15 जनवरी 2024 को मकरविलक्कू दर्शन के बाद 20 जनवरी 2024 को उत्सव का समापन होगा। त्योहारी सीजन के दौरान लगभग 13,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा और राज्य के स्वामित्व वाली केएसआरटीसी विभिन्न स्थानों से पंबा तक प्रतिदिन 500 बसें चलाएगी।
