गंगा विहार के शिव मंदिर से मंगलवार को आठ दिवसीय श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव का शुभारंभ मंगल कलश यात्रा निकालकर किया गया।
इस अवसर पर कथा वाचक आचार्य बाल व्यास कार्तिक पंत ने कहा कि भागवत कथा मनुष्य को भक्ति ज्ञान, वैराग्य से जोड़ती है। उन्होंने कलश यात्रा का शुभारंभ मंदिर प्रांगण से मंत्रोच्चारण के साथ ध्वज व कलश पूजन कर किया। बैंडबाजों के साथ शुरू हुई कलश यात्रा में प्रथम जोशी ने श्रीमद भागवत ग्रंथ को अपने शीश पर रखा व महिलाएं पीले वस्त्र धारण कर अपने शीश पर मंगल कलश उठाएं नंगे पांव चल रही थी। कलश यात्रा जन बिहार, शांति विहार ,चंद्रमणि रोड, संसारी माई मंदिर, होते हुए, गौतम कुंड ,से जल भरकर पूरे क्षेत्र की परिक्रमा कर मंदिर पर आकर संपन्न हुई। इसके उपरांत विधि विधान से श्रीमद भागवत ग्रंथ को गद्दी पर स्थापित किया गया। कथा वाचक ने कहा कि भागवत भक्ति ज्ञान, वैराग्य के सानिध्य से मनुष्य सांसारिक होते हुए परमतत्व जुड़ता है। परमात्मा की पारलौकिक लीलाएं मनुष्य को निज अंतःकरण में उतरने की सबसे बड़ी सहायक है, इन कथाओं से हमारे ह्रदय पटल पर भक्तिरूपी बीज वृक्ष के रूप में बनकर हमें स्वयं ही ईश्वरमय कर देता है। भागवत कथा सुनने के लिए प्रेरित किया। मंडल उपाध्यक्ष भारतीय व्यास , माया भट्ट, जानकी जोशी , रानी मधवाल, बीना शर्मा, बसंती काला, अनिता मधवाल , दीप्ति गुप्ता,सर्वेश्वरी थपलियाल , उषा लखेडा,आदि मौजूद रहे।