Prabhat Chingari
उत्तराखंड

जोशीमठ-औली रोप वे के अभी शुरू होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे*

*जोशीमठ भू धंसाव के बाद बंद की गई जोशीमठ-औली रोप वे के अभी शुरू होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे*
चमोली ( प्रदीप लखेड़ा )
जोशीमठ भू धंसाव के बाद बंद की गई जोशीमठ-औली रोप वे के अभी शुरू होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। जोशीमठ व औली का शीतकालीन पर्यटन व्यवसाय ही रोप वे के संचालन पर निर्भर है, लेकिन तीस वर्ष के लम्बे अंतराल के बाद पहली बार इस विंटर सीजन में देश-विदेश के पर्यटक रोप वे की रोमांचक सवारी से वंचित रहेंगे।
इन दिनों विश्वविख्यात हिमक्रीड़ा केन्द्र औली के पर्यटन सीजन के लिए एडवांस बुकिंग का दौर है, लेकिन अधिकांश पर्यटक जोशीमठ-औली रोप वे के शुरू न होने की जानकारी होने पर एडवांस बुकिंग नहीं कर रहे हैं।एडवांस बुकिंग कराने वाले पर्यटक भी रोप वे का संचालन बंद होने की जानकारी के बाद अपनी बुकिंग कैंसिल न करा दें, इसे लेकर भी पर्यटन व्यवसायी चिंतित हैं। इस बार मौसम के बदलने के बाद भी जोशीमठ-औली के पर्यटन व्यवसाइयों के चेहरों पर मायूसी दिख रही है।
जीएमवीएन पर्यटक आवास गृह के प्रबंधक प्रदीप मंद्रवाल के अनुसार शीतकालीन पर्यटकों की एडवांस बुकिंग तो आ रही है, लेकिन जब वे होटल से रोप वे स्टेशन की दूरी पूछ रहे हैं और उन्हें रोप वे संचालन बंद होने की जानकारी मिलने के बाद अपनी एडवांस बुकिंग नहीं कर रहे हैं।
दरसअल, बर्फबारी के दौरान जोशीमठ से औली पहुंचने का न केवल एकमात्र बेहतर साधन रोप वे ही है बल्कि अधिकांश पर्यटक सवा चार किमी लंबे व 6 हजार फीट से दस हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचाने वाले देश के सबसे लंबे रोप वे की रोमांचक सवारी के लिए भी आतुर दिखते हैं। तीस वर्ष पूर्व वर्ष 1994 मे सवा चार किमी लम्बे जोशीमठ-औली रोप वे का शुभारंभ हुआ था, जो भू धंसाव के कारण इस वर्ष 5 जनवरी से बन्द है।
दूसरी ओर पीक सीजन में प्रतिदिन चार सौ से साढ़े चार सौ पर्यटकों को आने जाने की सुविधा देने तथा चार से पांच लाख रुपये प्रतिदिन की आय देने वाले जीएमवीएन के इस महत्वपूर्ण रोप वे के पुनः संचालन पर सरकार और जीएमवीएन गंभीर नहीं है।
जीएमवीएन की महाप्रबंधक परियोजना विप्रा त्रिवेदी के अनुसार जोशीमठ-औली रोप वे के पुनः संचालन को लेकर जीएमवीएन के परियोजना प्रबंधन स्तर पर अभी कोई कार्यवाही नहीं चल रही है। रोप वे के पुनः संचालन अथवा किसी अन्य विकल्प पर शासन का आपदा प्रबंधन विभाग ही जानकारी दे सकता है।

Related posts

डीएम चमोली ने 18  किलोमीटर पैदल चलकर हेमकुंड यात्रा व्यवस्थाओं का लिया जायजा।

prabhatchingari

पीएनबी ने रक्षक योजना के तहत बहादुर सूबेदार मेजर पवन कुमार को सम्मानित किया

cradmin

देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएश के सुझावों पर शासन जल्द अपने नियमावली में जल्द संशोधन पर विचार करेगी।

cradmin

महाराज ने आपदा प्रभावित कार्यों का किया स्थलीय निरीक्षण*

cradmin

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के नागनाथ रेंज के जंगल धू-धू कर जल रहे

prabhatchingari

लोकतंत्र की मजबूती का काम करेगा वोटर चेतना महाअभियान*

prabhatchingari

Leave a Comment