चमोली ( प्रदीप लखेड़ा )आठ दिन बाद भी आपदा प्रभावित गडोरा गांव के ग्रामीणों की सुध न लिए जाने पर ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और बद्रीनाथ हाईवे जाम कर दिया। इस दौरान यात्रियों के साथ सेना के वाहन भी फंसे रहे। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन का कोई अधिकारी-कर्मचारी ग्रामीणों की सुध लेने नहीं पहुंचे। स्थिति यह है कि गांव में भू-धंसाव हो रहा है। घरों में मलबा पड़ा है। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश लेकिन वह नहीं माने। तहसीलदार मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ गांव में जाकर सर्वे करने की बात कही जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए और आधा घंटे बाद जाम खोल दिया।
चमोली जिले में 13 अगस्त को आई आपदा से कई गांव प्रभावित हुए हैं। पीपलकोटी के पास गडोरा गांव भी इसमें से एक है। सोमवार को पूर्वाह्न करीब 11 बजे गडोरा के लोग जोशीमठ की तरफ घटगाड पुलिया पर पहुंचे और बदरीनाथ हाईवे पर जाम लगा दिया। सभी हाईवे के बीचों बीच बैठकर नारेबाजी करने लगे। सूचना पर पीपलकोटी चौकी इंचार्ज नरेंद्र पुरी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को मनाने की काफी कोशिश की, लेकिन ग्रामीण प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर बुलाने पर अड़े रहे। हाईवे जाम होने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई जिसमें यात्रियों के साथ सेना के वाहन भी फंसे रहे। ग्रामीणों ने कहा कि कई घरों में मलबा घुसा है, कई नाली कृषि भूमि तबाह हो गई है। यहां तक कि गांव में राहत सामग्री नहीं दी गई है। कहा कि गांव में भू-धंसाव हो रहा है लेकिन आपदा के बाद से उनके गांव में प्रशासन का कोई भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचा। समझाने के बाद भी जब ग्रामीण जाम खोलने को तैयार नहीं हुए तो तहसीलदार धीरज राणा मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को प्रशासन की टीम उनके गांव का सर्वे करने और आपदा से हुए नुकसान का सर्वे करना का आश्वासन दिया। इसके बाद करीब साढ़े 11 बजे ग्रामीणों ने जाम खोल दिया। इसके बाद ग्रामीणों के साथ ही प्रशासन की टीम गांव में सर्वे के लिए रवाना हुई। प्रदर्शन करने वालों में महिला मंगल दल अध्यक्ष मनोरमा चौधरी, पूर्व महिला मंगल दल अध्यक्ष मंजू देवी, पूर्व सरपंच सावित्री देवी, नंदा देवी, रजनी देवी, धनेश्वरी देवी, रीता देवी, मोनिका, गीता, भुवना देवी, रमा देवी, सरपंच लोकानंद हटवाल सहित अन्य महिलाएं व पुरुष मौजूद रहे।