देहरादून जिला फुटबाल एसोसिएशन की दो दो एसोसिएशन की आपसी रंजिश पद का लालच कई वर्षो से खिलाडी, कोच और रेफरी का उचित विकास ना होना और स्टेट एसोसिएशन की अपनी मन मानी का नुकसान 23 सालों का राज कोई सुध लेने को तैयार नही, ना देहरादून के ना उत्तराखंड के पूर्व नेशनल, इंटरनेशनल खिलाडी, कोच और रेफरी कुछ भी नही बोलते की की राज्य खेल मे उचित काम हो, उत्तराखंड का जो इतिहास था जिसका नाम पुरे भारत वर्ष मे लिया जाता था कई वर्षो से गरत मे कियु गया इसका भागीदार उत्तराखंड के पूर्व खिलाडी, पद के लालच मे आपस मे लड़ रहे वो लोग है जिनको युवा खिलाडी कोच और रेफरी के भविष्य से कोई सरोकार नही, खिलाडी नशे मे बर्बाद है पलायन होने को मजबूर है, देहरादून मे 40 से 45 क्लब है लेकिन नही हो पा रहे है एक,
उत्तराखंड के एक मात्र पूर्व नेशनल खिलाडी, कोच रेफरी विरेन्द्र सिंह रावत सरकार को जगाने और एसोसिएशन मे एकता कराने के लिए समय समय पर कई वर्षो से अनशन कर रहे , धरना प्रदर्शन किया, पत्राचार किया, मीटिंग की लेकिन ना सरकार जागी, ना स्टेट एसोसिएशन जागी ना देहरादून जिला फुटबाल एसोसिएशन के दो दो अध्यक्ष और सचिव जागे
रावत ने कई बार कोशिश की और कहा की उनको कोई भी पद का लालच नही बस खिलाड़ियों का भविष्य बन जाए कोई भी पद मे खिलाड़ियों, कोचो और रेफ्रीयों का उचित भविष्य बने
रावत आज भी लगा है की सरकार, देहरादून एसोसिएशन और स्टेट एसोसिएशन कभी तो जागे और राज्य खेल की सुध ले
विरेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून एसोसिएशन के दो दो अध्यक्ष और एसोसिएशन से हाथ जोड़कर निवेदन किया है की एक लीग हो एक अच्छी कमेटी बने दोनों देहरादून फुटबाल एसोसिएशन कमेटी बनाकर स्टेट एसोसिएशन से मान्यता ले और उसके बाद देहरादून इतिहासिक जिला फुटबाल लीग हो, नेशनल प्रतियोगिता हो, खिलाडी, कोच और रेफरी के लिए कोर्स हो, स्टेट एसोसिएशन का भी सिस्टम अच्छा हो जानकर लोग जुड़े राज्य खेल फुटबाल का उचित विकास हो
रावत ने कहा है अगर देहरादून जिला फुटबाल एसोसिएशन एक नही हुवा स्टेट एसोसिएशन ने सुध नही ली, सिस्टम नही सुधरा तो अक्टूबर माह मे अनशन करेंगे
राज्य खेल फुटबाल के उचित विकास के लिए