*चमोली जिले के कनोठ गांव की सपना नेगी ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली द्वारा आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट (आईएनआई सीईटी) में 99.9 परसेंटाइल हासिल कर समूचे देश में 9वीं रैंक हासिल की*
चमोली ( प्रदीप लखेड़ा )
देवभूमि उत्तराखण्ड की बेटियां परिवार हों या समाज या फ़िर देश के लिए अच्छी नौकरी पाकर हर जगह अपनी मेहनत से कीर्तिमान रचती है और समाज और देश को उन पर गौरन्वित करती है। अपनी प्रतिभा, मेहनत और संकल्प से कामयाबी को पाकर बेटा और बेटी में असमानता का भेद कम करती है तो वहीं अपनी मेहनत के दम पर आने वाले युवा व युवतियों की प्रेरणा भी बनती है। उत्तराखण्ड की बेटियां अपने हुनर और परिश्रम के बदौलत अपने परिजनों का तो गौरव बढाती है परन्तु सफलता के कई मुकाम हासिल कर प्रदेश और देश को भी उन पर गौरन्वित होने का अवसर देती है। आज हम जिला चमोली की ऐसे ही एक बेटी के बारे में बता रहे है, जिसने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली द्वारा आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट (आईएनआई सीईटी) में 99.9 परसेंटाइल हासिल कर न सिर्फ समूचे देश में 9वीं रैंक हासिल की है बल्कि अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से समूचे प्रदेश को गौरवान्वित भी किया है।
बता दें, मूल रूप से चमोली जिले की रहने वाली डाक्टर सपना नेगी ने अपने पहले ही प्रयास में एम्स दिल्ली द्वारा आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट (आईएनआई सीईटी) में सफलता हासिल की है। हालांकि वर्तमान में सपना का परिवार राजधानी देहरादून के मेहूंवाला के कैलाशपुर में रहता है। उनके पिता करन सिंह नेगी भारतीय सेना से आननरी कैप्टन पर सेवानिवृत्त हुए हैं जबकि उनकी मां सुनीता देवी एक कुशल गृहिणी हैं। बचपन से ही सपना पढ़ाई में अव्वल दर्जे की छात्रा रही है। सपना ने दून मेडिकल कॉलेज से हाल ही में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है। इस दौरान उन्होंने फर्स्ट इयर, सेकेंड इयर एवं थर्ड इयर में अपने बैच में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर कालेज टापर बनने का मुकाम हासिल किया था जबकि फाइनल इयर के परीक्षा परिणामों में उन्हें पूरे कालेज में दूसरा स्थान मिला था। अब एम्स दिल्ली द्वारा बीते रोज घोषित हुए इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट (आईएनआई सीईटी) के परिणामों में उन्हें 99.9 परसेंटाइल के साथ देश भर में नौवीं रैंक हासिल हुई है। उन्होंने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरूजनों के साथ ही अपनी कड़ी मेहनत एवं लगन को दिया है। सपना की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है।
गौर हो कि एमबीबीएस के तृतीय वर्ष से ही उन्होंने इस प्रवेश परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी थी। वह रेडियोलॉजी या मेडिसिन विभाग में दाखिला पाना चाहती है। वहीं, आईएनआई सीईटी देश भर के प्रतिष्ठित एम्स एवं अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में स्नातकोत्तर कार्यक्रमों- एमडी, एमएस, डीएम, एमसीएच एवं एमडीएच में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा है। इस प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही देश के आठ एम्स, जेआईपीएमईआर पुदुचेरी, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, निमहांस बेंगलुरु जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला मिलता है। इस वर्ष इस प्रवेश परीक्षा का आयोजन 19 मई को किया गया था। अब अगले माह जून में काउंसलिंग के पश्चात जुलाई माह में एडमिशन प्रक्रिया शुरू होगी।