देहरादून- दक्षिण एशियाई देश लगातार साइबर हमलावरो का गढ़ बनता जा रहा है, जिसमें साइबर हमलावरों द्वारा कई भारतीयों को जबरन अपने कब्जे में रखकर उनके जरिये देश दुनिया मे साइबर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। भारतीयों के माध्यम से करवाये जा रहे साइबर हमलों के खिलाफ भारत सरकार द्वारा तत्समय संज्ञान लेते हुए भारतीयों को वापिस देश बुलाने के लिए कार्यवाही की गई थी। जिस क्रम में इस वर्ष माह मार्च के प्रथम सप्ताह में भारत सरकार द्वारा म्यांमार से 540 भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापस लाया गया है, जिनमें से 22 नागरिक उत्तराखण्ड राज्य के थे।
म्यांमार से भारत लौटे लोगो से साइबर अपराधों से जुड़ी जानकारी व उनके नेटवर्क के सम्बंध में जानकारी जुटाने को एसटीएफ की एक विशेष टीम गठित की गई थी। इस टीम द्वारा सीबीआई तथा आई4 सी के साथ उक्त वापिस आये लोगो से की गई संयुक्त पूछताछ में उत्तराखण्ड राज्य से संचालित किये जा रहे साइबर अपराधियों के सम्बन्ध में कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई है।
पूछताछ के आधार पर गुरुवार को साइबर क्राइम देहरादून व शुक्रवार को साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन कुमाऊं में अलग अलग मुकदमे दर्ज किए गए व मामलों में अभियुक्तो की गिरफ्तारी को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस.टी.एफ. नवनीत सिंह द्वारा सीओ आर.बी. चमोला के दिशा-निर्देशन में निरीक्षक एन.के. भट्ट, निरीक्षक विपिन बहुगुणा व निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल की एक टीम का गठन किया गया।
अभियुक्तो कर विषय मे जानकारी एकत्रित करते हुए व पूछताछ के आधार पर आज शनिवार को थाना रायपुर क्षेत्रान्तर्गत महाराणा प्रताप चौक से आगे थानों रोड़ पर जिला पंचायत चुंगी के पास से साइबर टीम द्वारा 02 अपराधियो क्रमशः- 1- हरजिन्द्र सिंह पुत्र जरनैल सिंह नि0 ग्राम दिनेशपुर, थाना दिनेशपुर जिला उधमसिंह नगर तथा 2. सन्दीप सिंह पुत्र पश्मिन्दर सिंह नि0 ग्राम अर्जुनपुर, पोस्ट दिनेपुर थाना दिनेषपुर जिला उधमसिंह नगर को काले रंग की एलकाजार कार में गिरफ्तार किया गया।
अभियुक्तगणों के कब्जे से टीम ने 01 लैपटाप, 07 मोबाईल, 01 पासपोर्ट, 02 चैक बुक, 03 डेबिट कार्ड, 02 पैन कार्ड, 01 पास बुक, 01 अदद स्टाम्प मोहर एवं सुभम इन्टरप्राईजेज के नाम से मोहर लगे 04 एस0बी0आई0 बैंक के फार्म आदि बरामद किये है।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि दोनों अभियुक्त संदीप व हरजिन्दर दोस्त है और टेलीग्राम के माध्यम से साइबर अपराधियों के सम्पर्क में आये। अभियुक्तो द्वारा अलग अलग लोगों को झांसे तथा विभिन्न प्रकार से प्रलोभनों में लेकर फर्मो के नाम से कई बैंको में करेण्ट अकाउण्टस खुलवाये गये, अकाउण्ड खुलवाने के पश्चात ये अकाउण्ड से सम्बन्धित चैक बुक, पासबुक, इण्टरनेट बैकिंग के यूजर-पासर्वड, डेबिड कार्ड व बैंक अकाउण्ड लिंक ओ.टी.पी. मोबाईल नम्बर अपने पास रख लेते थे तथा टेलीग्राम से संचालित साइबर अपराधियो को एक एक्स हेल्पर एप्प के माध्यम से अकाउण्ड लिंक किये जाते थे तथा मैसेज फारवर्ड एप्प के जरिये ओ.टी.पी. नम्बर लिंक कर दिये जाते थे उसके पश्चात ये सभी अकाउण्ड पूरे भारत वर्ष के अतिरिक्त अन्य देशो में भी विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों में ट्राइजेक्शन हेतु प्रयुक्त किये जा रहे थे।* प्रत्येक अकाउण्ड में ट्राइजिक्शन हुई धनराशि का एक प्रतिशत के हिसाब से इन दोनों को क्रिप्टो करेन्सी के माध्यम से ट्रस्ट वॉलेट में यूएसडीटी (क्रिप्टो करेन्सी) में भुगतान मिलता था जिसको ये दोबारा टेलीग्राम चेनल के माध्यम से साइबर ठगों को कम दामों पर बेचकर भारतीय मुद्रा में धनराशि प्राप्त कर लेते थे, प्राप्त धनराशि को इनके द्वारा पहले से बनाये गये विभिन्न खातो में प्राप्त किया जाता था, जिन्हे ए.टी.एम. से कैश विड्रोल कर लेते थे।
पूछताछ में इन्होने यह भी बताया कि अब तक पिछले एक वर्ष में ही प्रोफिट के रूप में लगभग इन्होनें 01 करोड़ 20 लाख की धनराशि प्राप्त की है, जिसमें से लगभग 25 लाख मार्च माह में ही प्राप्त हुए है।पकड़े जाने के दौरान अभियुक्त संदीप सिंह और हरजिन्दर सिंह के मोबाईल के डिजीटल वालेट में लाखों रूपये की क्रिप्टोकरेन्सी की पायी गयी है। अब एसटीएफ इस मामले में आगे विस्तृत छानबीन करके कार्यवाही करने की योजना बना रही है।
गिरफ्तार अभियुक्तो में संदीप फ्लैग डीकेएस कारपोरेट अकाउण्ड खुलवाने का एक्सपर्ट था, इसकी दक्षता को देखते हुए साइबर अपराधियों द्वारा इसे माह जून-जुलाई-2024 में मलेशिया बुलाया गया जहां पर इसके द्वारा साइबर अपराधियों को ट्रैनिंग भी दी गयी।
विवेचना के दौरान इनसे अभियुक्तों से बरामद ट्रस्ट वोलेट के ट्राजिंक्शन डिटेल की जानकारी प्राप्त की जा रही है साथ ही जो प्रोफिट अमाउण्ड इन्हें विभिन्न अकाउण्ड में प्राप्त हुई है वह किस प्रकार से अवैध रूप क्रिप्टो ट्रिडिंग में संलिप्त हवाला ट्रैडर्स द्वारा की जा रही के सम्बन्ध में भी विवेचना की जायेगी।