*भारत सरकार द्वारा भारतीय दंड संहिता के स्थान पर प्रतिस्थापित भारतीय न्याय संहिता से चमोली पुलिस द्वारा किया आमजनमानस को जागरुक*
चमोली ( प्रदीप लखेड़ा )
गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 के क्रियान्वयन व पुलिस मुख्यालय देहरादून से प्राप्त दिशा निर्देशों के क्रम में आमजनमानस को संशोधित कानून के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा नये कानून के बारे में जागरुक करने के सबंधं में जनपद चमोली के विभिन्न थानाक्षेत्रान्तर्गत पुलिस द्वारा आमजनमानस को संशोधित कानून के बारे में बताया गया।
इंडियन पीनल कोड, 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 स्थापित होगा, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, 1898 की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और इंडियन एवीडेंस एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 स्थापित होगा
भारतीय न्याय संहिता 2023 का उद्देश्य 1860 के भारतीय दंड संहिता आईपीसी को प्रतिस्थापित करना,अपराधों से संबंधित प्रावधानों को समेकित एवं संशोधित करना और उससे जुड़े या प्रासंगिक मामलों के लिए संशोधन करना है।
भारतीय न्याय संहिता, जो IPC को रिप्लेस करेगी, में पहले की 511 धाराओं के स्थान पर अब 356 धाराएं होंगी, 175 धाराओं में बदलाव किया गया है, 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 22 धाराओं को निरस्त किया गया है
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, जो CrPC को रिप्लेस करेगी, में अब 533 धाराएं रहेंगी, 160 धाराओं को बदल दिया गया है , 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 9 धाराओं को निरस्त किया गया है
भारतीय साक्ष्य विधेयक, जो Evidence Act को रिप्लेस करेगा, में पहले की 167 के स्थान पर अब 170 धाराएं होंगी, 23 धाराओं में बदलाव किया गया है, 1 नई धारा जोड़ी गई है और 5 धाराएं निरस्त की गई हैं । इन कानूनों का उद्देश्य किसी को दंड देना नहीं बल्कि न्याय देना होगा और इस प्रक्रिया में दंड वहीं दिया जाएगा, जहां अपराध रोकने की भावना पैदा करने की ज़रूरत है।