देहरादून , गुरु अर्जुन देव जी की पुण्यतिथि पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने उन्हें सच्चे भाव से याद किया। इस कार्यक्रम में कॉलेज मैनेजमेंट ने गुरु अर्जुन देव जी के जीवन और उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में ठंडे मीठे जल की छबील के साथ-साथ शरबत और ठंडे पानी के साथ चने के प्रसाद की भी व्यवस्था की गई थी। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह समाज में सेवा, मानवता और समर्पण का संदेश फैलाने के लिए भी एक प्रेरणा बना। गुरु अर्जुन देव जी की शहादत को श्रद्धा और सम्मान के साथ याद करते हुए उनके जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का उद्देश्य इस आयोजन का मुख्य विषय था।
गुरु अर्जुन देव जी का जीवन और उनकी शहादत उनके धर्म, सत्य और मानवता के प्रति अडिग निष्ठा का प्रतीक है, और वह आज भी समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। उन्होंने अपने जीवन में समाज की भलाई के लिए जो बलिदान दिया, वह हमें सेवा और समर्पण की दिशा में प्रेरित करता है। इस आयोजन के माध्यम से उनके जीवन के इसी संदेश को याद किया गया और उसे आगे बढ़ाने की कोशिश की गई। गुरु अर्जुन देव जी की शहादत की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का यह एक अद्वितीय तरीका था।
ठंडे मीठे जल की छबील, जो इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही, कॉलेज परिसर में स्थापित की गई थी। इसमें शरबत, ठंडे पानी के साथ-साथ चने के प्रसाद की व्यवस्था की गई थी, ताकि सभी श्रद्धालुओं और राहगीरों को राहत मिल सके। गर्मी के इस मौसम में प्यासे लोगों को राहत देने उद्देश्य से आयोजित यह छबील एक प्रेरणा बन गई, जिसमें यह संदेश दिया गया कि “प्यासी आत्मा को जल पिलाना और भूखे को भोजन देना सबसे बड़ा पुण्य है।” इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल गर्मी से राहत मिली, बल्कि एक गहरे आध्यात्मिक संदेश को भी फैलाया गया – सेवा और समर्पण की भावना को जागृत करना।
कार्यक्रम के दौरान गुरु नानक कॉलेज के छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय समाज के लोगों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कॉलेज के प्रबंधन ने इस आयोजन की पूरी तैयारी और व्यवस्था की थी, ताकि यह दिन समाज में सेवा और परोपकार का प्रतीक बने। छबील में आने वाले सभी लोग न केवल शीतल जल और चने के प्रसाद से तृप्त हुए, बल्कि उनके दिलों में गुरु अर्जन देव जी की शिक्षाओं और उनके बलिदान के प्रति एक गहरी श्रद्धा का भाव भी जागृत हुआ।
यह आयोजन न केवल एक धार्मिक अवसर था, बल्कि यह समाज में सेवा, शांति और सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए एक सामाजिक पहल भी थी। इसका उद्देश्य न केवल प्यास बुझाना था, बल्कि यह भी था कि हम अपने जीवन में सेवा की भावना को बढ़ाएं और दूसरों के लिए कुछ अच्छा करने की प्रेरणा प्राप्त करें।
गुरु नानक कॉलेज, देहरादून के इस कार्यक्रम ने समाज में एकता और भाईचारे का माहौल उत्पन्न किया। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जब हम मिलकर काम करते हैं, तो न केवल हम अपनी भावनाओं और विचारों को साझा करते हैं, बल्कि हम समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी समझते हैं। यह कार्यक्रम एक सफल उदाहरण था कि कैसे धार्मिक अवसरों का उपयोग समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किया जा सकता है।
इस आयोजन ने गुरु अर्जुन देव जी के अद्वितीय जीवन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ हमें सेवा और समर्पण के महत्व को भी समझाया। सभी ने मिलकर इस पुण्य कार्य में अपनी भागीदारी दी, और यह सुनिश्चित किया कि उनके जीवन के संदेश को हर किसी तक पहुंचाया जाए।
गुरु नानक कॉलेज के CSO सैथजीत सिंह और COO विनीत ने इस आयोजन को उत्साहपूर्ण तरीके से प्रेरित किया। सैथजीत सिंह ने कहा, “गुरु अर्जुन देव जी का जीवन हमें न केवल साहस और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि समाज की सेवा सर्वोत्तम धर्म है। इस आयोजन के माध्यम से, हम यह संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं कि सेवा और मानवता की भावना हमें सच्चे रूप में गुरु अर्जुन देव जी के आदर्शों के करीब लाती है।”
विनीत ने इस अवसर पर कहा, “आज के इस महान आयोजन में हम सब एकजुट होकर गुरु अर्जुन देव जी के बलिदान और उनकी शिक्षाओं को सम्मानित कर रहे हैं। यह कार्यक्रम हमें अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का अहसास कराता है। यह हमें यह सिखाता है कि हम अपने छोटे-छोटे प्रयासों से समाज में बड़े बदलाव ला सकते हैं।”
गुरु नानक कॉलेज के रजिस्ट्रार डॉ. ललित चौधरी ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “यह आयोजन केवल एक धार्मिक समागम नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में सेवा और एकता की भावना को प्रोत्साहित करने का एक बड़ा प्रयास है। गुरु अर्जुन देव जी ने अपने जीवन में सत्य और धर्म के लिए जो बलिदान दिया, उसका हमें अनुसरण करना चाहिए। हम गर्व महसूस करते हैं कि इस आयोजन के माध्यम से हम गुरु जी के आदर्शों को जीवन में उतारने का प्रयास कर रहे हैं। यह छबील समाज की सेवा का प्रतीक बनकर लोगों के दिलों में गुरु अर्जुन देव जी की शिक्षाओं का प्रभाव छोड़ रही है।”
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. निधि चटर्जी, डॉ. नारायणी शुक्ला, सुनील कुमार मलिक, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. असलम अहमद, लोलिता लाल, डॉ. भूपेंद्र भारती, डॉ. आरडी सकलानी, डॉ. अनीता चौहान, तरुण वर्मा, ममलेश सेमवाल, डॉ. विशाल कंबोज, सोनाक्षी शर्मा, वरुण कुमार, वरुण चुघ, पियूष, सुहेल, तरुण सैनी, अक्षय, डॉ. गिरिराज, डॉ. ओवैस, शिवानी, सुष्मिता, नेहा, अमित, दीक्षा, आशीष, आशविंद्रा, राजेंद्र, गरिमा, डॉ. भावना, डॉ. श्रेया, डॉ. मनीषा, इमरान, सबा, शिवम, लियाबा, विद्या, अभिषेक, कीर्ति, अर्चना, गुलाफ्शा, रेखा, आनिशा, प्रशांत, सोनू, आस्था, चेतन, बृजेश राजक, माही धीमान, रितु, जैद, प्रियंका, जय नेहरा, मोहम्मद दाऊद, आरिश, मनीष, अबुजार, जेम्स एडविन, मनीष, अमन, हर्ष, शैलेंद्र, कैप्टन, थापा जी और अन्य सभी उपस्थित सहयोगियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
