देहरादून, मुख्यमंत्री धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आयोजित बैठक में मानसून और आपदा प्रबंधन को लेकर सभी जिलाधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने भूस्खलन, बाढ़, और मेडिकल इमरजेंसी जैसी स्थितियों से निपटने के लिए कई सख्त और दूरदर्शी निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि किसी भी भूस्खलन की स्थिति में 15 मिनट के भीतर जेसीबी मशीन घटना स्थल पर अनिवार्य रूप से पहुँचे। इसके साथ ही राज्य का लैंडस्लाइड मैप जल्द से जल्द तैयार किया जाए। सभी पुलों का सुरक्षा ऑडिट, संवेदनशील विद्यालयों की सूची, और गर्भवती महिलाओं का डेटाबेस भी तैयार करने को कहा गया।
आपदा की स्थिति में हेलीकॉप्टर तैनाती, हेलीपैडों का सेफ्टी ऑडिट, और एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। पिथौरागढ़ जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में विशेष हेलीकॉप्टर व्यवस्था और हेलीपैड/एयरपोर्ट निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
बरसात से पहले नालियों की सफाई, जलाशयों से सिल्ट हटाना, और बांधों की क्षमता को बनाए रखना मुख्यमंत्री के निर्देशों में शामिल था। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से हल्द्वानी-कैंचीधाम, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ मार्ग की मरम्मत और निरीक्षण को प्राथमिकता देने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश की चेतावनी के चलते यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका जाए और स्थिति सामान्य होने पर ही आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “प्राकृतिक आपदाओं को रोका नहीं जा सकता, लेकिन **सक्रिय तैयारी, जनजागरूकता और समन्वित प्रयासों से हम जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं।”
बैठक में राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य आपदा सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला और सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।
