Prabhat Chingari
उत्तराखंडस्वास्थ्य

एम्स निदेशक डॉ. मीनू सिंह के कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण — अस्पताल और चिकित्सा शिक्षा में दर्ज हुई ऐतिहासिक प्रगति

 

देहरादून।
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक के रूप में प्रो. (डॉ.) मीनू सिंह ने अपने तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं। 6 जुलाई 2025 को उनके कार्यकाल के इस महत्त्वपूर्ण पड़ाव पर संस्थान में चिकित्सा सेवाओं से लेकर मेडिकल शिक्षा तक उल्लेखनीय सुधार और विस्तार दर्ज किया गया है। डॉ. मीनू सिंह एम्स ऋषिकेश की पहली महिला निदेशक हैं, जिन्होंने 7 जुलाई 2022 को यह पदभार ग्रहण किया था।

इन तीन वर्षों में उन्होंने संस्थान की सेवाओं में पारदर्शिता, तकनीकी नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व को प्राथमिकता देते हुए अस्पताल को उत्तर भारत के अग्रणी स्वास्थ्य संस्थानों की पंक्ति में ला खड़ा किया।

स्वास्थ्य सेवाओं में हुआ बड़ा इजाफा

एम्स ऋषिकेश में ओपीडी और आईपीडी सेवाओं को बेहतर बनाया गया, जिससे मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई। गरीब और जरूरतमंद मरीजों के इलाज के लिए सेवा सुधार पर विशेष ध्यान दिया गया। अत्याधुनिक पेट स्कैन सुविधा, पिक्चर आर्काइविंग एंड कम्युनिकेशन सिस्टम (PACS), तथा छोटे बच्चों के लिए सेंटर फॉर एडवांस पीडियाट्रिक की स्थापना जैसी सुविधाएं इसी कार्यकाल में शुरू हुईं।

तकनीक आधारित पहलें

डॉ. सिंह के नेतृत्व में संस्थान में टेलिमेडिसिन और ड्रोन हेल्थ सर्विस जैसी अत्याधुनिक तकनीकी सेवाएं शुरू की गईं। उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में टेली-कंसल्टेंसी की सुविधा पहुंचाना इस कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि रही। एम्स ऋषिकेश देश का पहला ऐसा सरकारी संस्थान बना, जहां टेलिमेडिसिन के लिए अलग विभाग की स्थापना की गई।

मेडिकल शिक्षा में विस्तार

तीन वर्षों में एम्स में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई, जिनमें पब्लिक हेल्थ साइंसेज़, फैमिली मेडिसिन में एमडी, और एविडेंस सिंथेसिस डिपार्टमेंट शामिल हैं। इसके अलावा डिपार्टमेंट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिसिन की स्थापना से समग्र चिकित्सा दृष्टिकोण को बढ़ावा मिला।

जनकल्याण और सार्वजनिक स्वास्थ्य में योगदान

संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए आउटरीच कार्यक्रम, नियमित स्वास्थ्य शिविर, और जन-जागरूकता अभियानों का संचालन प्रो. सिंह की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति का हिस्सा रहा। हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत और ऊधमसिंह नगर के किच्छा में सेटेलाइट सेंटर का निर्माण भी इन्हीं प्रयासों का परिणाम है।

 प्रमुख उपलब्धियां

  • सेवावीर टीम का गठन, जो रोगियों को समर्पित सहायता प्रदान करती है।
  • आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आईडी आधारित रजिस्ट्रेशन सुविधा शुरू।
  • एनआईआरएफ रैंकिंग में एम्स ऋषिकेश को देश में 14वां स्थान प्राप्त।
  • रोगी सहायता केंद्र की स्थापना।

डॉ. मीनू सिंह ने इस अवसर पर कहा कि संस्थान ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने एम्स की उपलब्धियों का श्रेय फेकल्टी, नर्सिंग स्टाफ, प्रशासनिक अधिकारियों और पूरी टीम की मेहनत को दिया।

Related posts

प्रदेश के अस्पताल में चिकित्सकों की लगेगी बायोमेट्रिक उपस्थिति

prabhatchingari

हाइड्रोजन सुरक्षा को पाठ्यक्रम में लाना जरूरी

prabhatchingari

साहसत्रधारा रोड पर भीषण एक्सीसेंड्ट दो स्कूटी समेत कार आई चपेट में

prabhatchingari

मुरारी बापू की रामकथा में पहुंचे मुख्यमंत्री धामी

prabhatchingari

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए 50 बिस्तरों का डेंगू वार्ड आरक्षित

prabhatchingari

आरोपी को फांसी देने के साथ ही धर्मांतरण विरोध कानून लागू किए जाने की मांग की | Along with hanging the accused, demanded the implementation of anti-conversion law

cradmin

Leave a Comment