देहरादून/टिहरी श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा ”एक विश्वविद्यालय एक विषय“ के अन्तर्गत ऋषिकेश परिसर में स्थापित भारतीय ज्ञान परम्परा केन्द्र द्वारा दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो .एन.के.जोशी एवं उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री द्वारा नवाचार, शोध एवं शैक्षणिक गतिविधियों को प्रोत्साहित एवं बढ़ावा देने के उद्देश्य से समझौता ज्ञापन (एम0ओ0यू0) पर हस्ताक्षर किये गये।
प्रो0 जोशी ने बताया कि समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य दोनों विश्वविद्यालयों के मध्य भारतीय ज्ञान विज्ञान परम्परा पर शोध एवं व्यापक प्रचार प्रसार, वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में आयुर्वेद में उल्लेखित पारम्परिक मंत्र उच्चारण, हवन इत्यादि में विस्तृत शोध तथा वनस्पति एवं मानव पर मंत्रो के प्रभाव पर सम्भावनों को देखा जाएगा। संकाय विकास केन्द्र द्वारा शोध के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। संगोष्ठी के शुभारम्भ सत्र के विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० दिनेश चन्द्र शास्त्री जी ने कहा कि भारत की संस्कृति ने विश्व को एक परिवार के रूप में माना है। प्राचीन भारत में दर्शन, अनुष्ठान, व्याकारण, खगोल विज्ञान, अर्थशास्त्र, संख्या पद्धति, तर्क, जीवन विज्ञान, आयुर्वेद, ज्योतिष जैसे मानव कल्याणकारी क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित कर मानव जाति की उन्नति में अत्यधिक योगदान दिया है साथ ही उन्होंने समझौता ज्ञापन पर अत्यधिक प्रंशसा व्यक्त की। उन्होनें कहा कि शोध के क्षेत्र में यह एम0ओ0यू0 दोनों विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिये उपयोगी होगा।
सत्र का संचालन प्रो० पूनम पाठक द्वारा किया गया।
इस दौरान विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो0 गुलशन कुमार ढ़िंगरा, कला संकाल अध्यक्ष प्रो0 डी0सी0 गोस्वामी, वाणिज्य संकाय अध्यक्ष प्रो0 कंचन लता सिन्हा प्रो0 संगीता मिश्रा, प्रो0 मनोज यादव, प्रो0 एस0पी0 सती डाॅ0 शिखा ममगांई, , प्रो0 अटल बिहारी त्रिपाठी,प्रो० अधीर कुमार,डा० गौरव वास्णेय,प्रो० स्मिता बडोला,डा० पुष्कर गौड,,डा० अशोक कुमार,डा० वी०पी० बहुगुणा,प्रो० नवीन शर्मा प्रो० सुरमान आर्य,प्रो० आशीष शर्मा,प्रो० परवेज अहमद,प्रो०नीता जोशी, प्रो० डी० एम० त्रिपाठी, प्रो० वी०डी० पाण्डे,प्रो० दुबे,डा० शालिनी रावत,डा० प्रीति खण्डूरी,डा० एस०के० कुडियाल,डा० राकेश जोशी ,एवं डा० श्रीकृष्ण नौटियाल उपस्थित थे।
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