गोटेगांव , नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश
बसंत पंचमी के पावन शुभ अवसर पर ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की तपोभूमि में, नवनिर्मित मंदिर में भगवान कामेश्वर की स्थापना की गई कार्यक्रम मेंद्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज और ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘१००८’ महाराज , ब्रह्मऋषि आचार्य महामंडलेश्वर रामकृष्णानंद जी, शंकराचार्य जी महाराज के निजी सचिव ब्रह्मचारी ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानंद जी सहित तमाम ब्रह्मचारी पंडितो सहित गुरु भक्त उपस्थित रहे, जहां पर भगवान कामेश्वर महादेव का पूर्ण वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ, विधिवत नवनिर्मित मंदिर में स्थापित किए गए वही बताया गया की भगवान कामेश्वर की यह प्रतिमा ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के स्वप्न में दर्शन देकर आई थी यह प्रतिमा झारखंड की काली कोकिला नदी के संगम स्थल पर प्राप्त हुई जिसे लेने पूज्य शंकराचार्य जी महाराज के परम प्रिय शिष्य एवं सेवकअरविंद मिश्रा को भेजो गया , जिनके साथ लगभग चार से पांच शिष्य गए हुए थे, उन्होंने बताया कियह प्रतिमा को खोजने हुए लगभग दो दिन व्यतीत हुए तब पूज्य शंकराचार्य जी महाराज से कहा कि शिवलिंग नहीं मिल रहा है तो गुरु जी ने कहा अच्छे से ढूंढो जब हम शिवलिंग ढूंढ रहे थे तभी अचानक पैर फिसला और नदी में जा गिरे , देखा तो वह शिवलिंग था तो हम लोगों ने बड़ी मेहनत के साथ शिवलिंग को निकाला, और महाराज श्री के पास ले गए तो महाराज जी ने कहा कि हां इन्हीं शिवलिंग के दर्शन स्वप्न में हमको हुए थे और यह शिवलिंग कसौटी के पत्थर के हैं जिसमें स्वयं प्राकृतिक यागो पवित बना हुआ है, पूज्य शंकराचार्य जी महाराज फिर उसे मिलेंगे को लेकर परमहंसी गंगा आश्रम आए और वटवृक्ष के नीचे चौतरा में स्थापित किये गये , और मंदिर का भूमि पूजन किया गया जिसमें आज यह स्थापित हुए
वही *माँ राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी माता* के दरबार में बसंत पंचमी की शुभ अवसर परछप्पन भोग लगाए गए एवं माता रानी का विशेष श्रृंगार किया गया, आज माता रानी के दर्शन हेतु विशाल जन समूह, मंदिर प्रांगण में उपस्थित रहा वही गंगा कुंड के किनारे, गायत्री माता की उपासना में ब्राह्मण कुल में जन्मे बच्चों का मुंडन एवं नवीन यज्ञोपवीत संस्कार कराया
कार्यक्रमों में मुख्य रूप से ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी ज्योतिष पीठ शास्त्री ब्रह्मचारी अचलानंद जी, ब्रह्मचारी विमलानंद जी ब्रह्मचारी ध्यानानंद जी ब्रह्मचारी अनिरुद्ध जी महाराज, पं राजेन्द्र शास्त्री जी, ,पं,राजकुमार तिवारी परमहंसी गंगा आश्रम व्यवस्थापक सुंदर पांडे *श्री अरविन्द मिश्रा राजकुमार तिवारी पंडित आनंद तिवारी जगद्गुरुकुलम् संस्कृत विद्यापीठ के प्रधानाचार्य , पद्मनाभधर् द्विवेदी, उप प्रधानाध्यापक शारदानंद द्विवेदी सोहन तिवारी माधव शर्मा रघुवीर प्रसाद तिवारी राजकुमार तिवारी,दीपक शुक्ला,अमित तिवारी,पुरसोत्तम तिवारी, माधव शर्मा, सोहन तिवारी, आशीष तिवारी योगेश दुबे, अरविंद पटेल, ,जगदीश पटैल,कलू पटैल,अरविंद पटैल, अजय विश्कर्मा,सत्येंद्र मेहरा,कपिल नायक सहित