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strong>नगर निगम चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, वार्डों में चुनाव प्रचार का जोर बढ़ता जा रहा है। प्रत्याशी अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ जनता के बीच पहुंच रहे हैं और अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। भारूवाला ग्रांट के वार्ड 79 से निर्दलीय पार्षद प्रत्याशी सुरेंद्र थापा ने भी अपने प्रचार अभियान को तेज कर दिया है।
सुरेंद्र थापा ने बेल रोड, सेंट मैरी चर्च रोड, सुभाष नगर, साक्षी इलेक्ट्रॉनिक के पीछे, और पिपलेश्वर मंदिर क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में घर-घर जाकर जनसंपर्क किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से सीधा संवाद स्थापित किया और क्षेत्र के विकास के लिए अपनी योजनाएं साझा कीं। अपने प्रचार में उन्होंने मुख्य रूप से ईंट के निशान पर मतदान करने की अपील की।
क्षेत्रीय मुद्दों पर जोर,सुरेंद्र थापा ने अपने प्रचार में क्षेत्र के बुनियादी मुद्दों जैसे:
सड़कों की मरम्मत और सफाई व्यवस्था
जल निकासी और पीने के पानी की समस्या
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति
स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर
जैसे विषयों पर चर्चा की। उन्होंने जनता को विश्वास दिलाया कि उनके चुने जाने पर ये समस्याएं प्राथमिकता के साथ हल की जाएंगी।
सुरेंद्र थापा का सौम्य व्यवहार और मिलनसार स्वभाव उन्हें मतदाताओं के बीच लोकप्रिय बना रहा है। उनकी सरल भाषा और हर वर्ग के लोगों से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें वार्ड के नागरिकों के करीब ला दिया है। प्रचार के दौरान वे वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और युवाओं से विशेष रूप से संवाद कर रहे हैं, जिससे जनता में उनके प्रति विश्वास बढ़ा है।
युवा मतदाताओं के बीच सुरेंद्र थापा को काफी समर्थन मिलता नजर आ रहा है। उन्होंने रोजगार और खेल सुविधाओं को प्राथमिकता देने का वादा किया है, जिससे युवाओं का रुझान उनके पक्ष में देखा जा रहा है।
अभियान के दौरान लोगों ने उनकी बातें ध्यानपूर्वक सुनी और अपनी समस्याएं उनके सामने रखीं। यह देखा गया कि कई जगहों पर लोगों ने सुरेंद्र थापा के साथ अपनी सहमति भी व्यक्त की। उनके जमीनी स्तर पर काम करने और क्षेत्र के मुद्दों को समझने के प्रयासों ने जनता को प्रभावित किया है।
चुनाव प्रचार के मौजूदा माहौल में सुरेंद्र थापा ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। उनका विनम्र व्यवहार और क्षेत्र के विकास के लिए उनकी योजनाएं उन्हें एक मजबूत प्रत्याशी के रूप में स्थापित कर रही हैं। जनता के बीच उनकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि वे मतदाताओं का विश्वास जीतने में कामयाब हो सकते हैं।