देहरादून, मुख्यमंत्री धामी ने मुख्यमंत्री आवास परिसर में योगाभ्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे और योग सत्र में भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से योग को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि “योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह आंतरिक शांति और आत्मबोध की एक प्रक्रिया है, जो मन को स्थिर कर चेतना की गहराइयों तक पहुंचने का माध्यम बनता है।”
उन्होंने कहा कि भारत ने सदैव मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि रखा है और हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ योग ही है। “आज योग दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है और यह भारतीय जीवन शैली को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित कर रहा है,” मुख्यमंत्री ने कहा।
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने के प्रयासों को भी स्मरण किया। उन्होंने बताया कि 177 देशों के समर्थन से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग एवं ऋषियों-मुनियों की तपोभूमि है और राज्य सरकार द्वारा ग्राम स्तर तक योग को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। “योग से न केवल स्वास्थ्य लाभ होता है, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। राज्य सरकार उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए एक नई योग नीति लागू कर रही है,” उन्होंने कहा।