देहरादून।
डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी में “हाल की प्रवृत्तियाँ”-भौतिक विज्ञान के प्रयोगात्मक और वैचारिक पहलू विषय पर चार दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर पर्वतीय व दूरस्थ विद्यालयों में भौतिकी प्रयोगशालाओं की कमी को रेखांकित किया और कम लागत में प्रभावी उपकरण विकसित करने की पहल की सराहना की गई।
विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में शिक्षा, विज्ञान और प्रशासन से जुड़े विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद अतिथियों का स्वागत किया गया।इस मौके पर अतिथियों ने अपने विचार रखे। प्रख्यात भौतिकविदप्रो. हरीश चंद्र वर्मा, डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष मोहित अग्रवाल, कुलपति प्रो. संजय जसौला, मेयर सौरभ थपलियाल, आईआईपी देहरादून के निदेशक डॉ. एचएस बिष्ट, विज्ञान भारती के राज्य अध्यक्ष डॉ. केडी पुरोहित और प्रख्यात भौतिकविद प्रो. एचसी. वर्मा ने इस कार्यक्रम के आगामी सत्रों में जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के शैक्षणिक उपयोग पर चर्चा किए जाने की बात कही, जिससे शिक्षकों को आधुनिक तकनीकी उपकरणों से सशक्त बनाया जा सके। साथ ही संबोधन में विशेष रूप से पर्वतीय व दूरस्थ विद्यालयों में भौतिकी प्रयोगशालाओं की कमी को रेखांकित किया और कम लागत में प्रभावी उपकरण विकसित करने की पहल की सराहना की गई। समारोह के दौरान डॉ. पीयूष दुआ और उनके सह-संपादकों द्वारा संपादित पुस्तक वन एंड डाइमेंशल नैनोमीटरियल्स फॉर बायो इंजीनियरिंग एप्लीकेशंस” का विमोचन किया गया, जो हाल ही में एलसीवियर द्वारा प्रकाशित की गई है।