देहरादून, अनुसंधान कौशल को विकसित करने कि लिये ग्राफिक एरा में शिक्षकों व शोधार्थियों को ट्रेनिंग दी गई।
यह ट्रेनिंग ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेण्ट प्रोग्राम में दी गई। आज, वित्त विभाग, उत्तराखण्ड के अनुसंधान अधिकारी डा. राजीव राणा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सामाजिक विज्ञान व सार्वजनिक नीतियां सामाजिक कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सामाजिक विज्ञान में शोध समाज की छोटी समस्याओं पर केन्द्रित होता है। नीतियों में शोध ज्यादा बड़ी व महत्वपूर्ण समस्याओं से निपटने का कार्य करता है। कार्यक्रम में पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर पम्पा मुखर्जी ने अनुसंधान में नैतिकता की महत्वता पर प्रकाश डाला।
पांच दिवसीय एफडीपी में समाज और राजनीति अध्ययन केन्द्र, कानपुर के निदेशक डा. ऐ. के. वर्मा, आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर अनिकेत आलम, लोकनीति-विकासशील समाज अघ्ययन केन्द्र (सीएसडीएस), नई दिल्ली के मुख्य निदेशक प्रो. संजय कुमार, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के डा. वर्गीस के., सीएसडीएस की शोध विश्लेषक ज्योति मिश्रा व विभा अटारी ने अनुसंधान के विभिन्न विषयों पर जानकारी साझा की। इसमें अनुसंधान के मूल सिद्धांत, सैम्पलिंग, शोध प्रश्न, प्रश्नावली, डेटा एनालिसिस व डेटा निष्कर्षण जैसे विषय शामिल हैं।
एफडीपी का आयोजन ग्राफिक एरा के मानव संसाधन विकास केन्द्र और मानविकी व सामाजिक विज्ञान विभाग ने लोकनीति के साहयोग से किया। कार्यक्रम में कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह, एचओडी डा. प्रभा लामा के साथ डा. भारती शर्मा, विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाएं व पीएचडी स्काॅलर मौजूद रहे।

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